आचार्य मम्मट को मान्य सादृश्यमूलक अलङ्कार

Duration – 1 Days
Date – 28 Mar 2010
End Date – 28 Mar 2010
Venue -NEW DELHI

लोक में जिस प्रकार हार आदि  अलङ्कार अङ्गी को सुशोभित करते हैं उसी प्रकार काव्य में विद्यमान अनुप्रास, उपमा आदि अलङ्कार रस को नियम से नहीं अपितु कभी-कभी उपकृत करते हैं। आचार्य मम्मट ने दशम उल्लास में ६१ अर्थालङ्कारों का निरूपण किया है। इन अलङ्कारों के अन्तर्गत कतिपय सादृश्यमूलक अलङ्कार भी आते हैं।  सादृश्यमूलक अलङ्कार वे अलङ्कार है जिनका आधार तुलना या समानता है।  इनमें एक उपमान तथा एक उपमेय होता है।  कहीं इन उपमान और उपमेय में तुलना या समानता दिखाई जाती है और कहीं इनके व्यवहार में और कहीं इनके साधारणधर्म में। उन सादृश्यमूलक अलङ्कारों का यहाँॅ विवेचन किया जा रहा है




 
NEWS/EVENTS
Read More
  • Basic Level computer courses for Economical poor House wife (2nd Batch)

  • Child Computer literacy

  • Advance workshop on research methods, spss & research paper writing

  • Comprehensive Career & Counseling Programme