इस प्रकार भूमि सुधारों के अन्तर्गत निम्नलिखित विषयों को सम्मिलित किया जाता है-
1.	मध्यवर्तियों का उन्मूलन
2.	काश्तकारी सुधार
3.	लगान नियमन
4.	भू-धारण की सुरक्षा
5.	काश्तकारों को भूमि का स्वामित्वाधिकार प्रदान करना
6.	भूमि की भावी प्राप्ति और वर्तमान जोतों पर सीमा निर्धारण
7.	कृषि का पुनर्गठन
8.	चकबन्दी
9.	सहकारी खेती आदि।